#MerryChristmas #SantaClaus
एक लाल चादर ओढ़ के वो आया था,
ख़ुशी के कई तौफे साथ वो लाया था,
आतिशे आसमाँ में थी उसी के लिए,
वो ज़मी पर बैठ बच्चो संग मुस्कुराया था,
कौन कहता है फ़रिश्ते नही रहे अब,
दे दिया सब जो सांता बनके वो कमाया था,
खुद के आँसू पोछने का वक़्त नही था,
इसलिये ग़मो को सफेद दाढ़ी में छुपाया था,
'बाँटो खुशियां लौट के आयेगी खुशियां'
अच्छाई का वो एक सबक शिखलाया था,
एक लाल चादर ओढ़ के वो आया था,
ख़ुशी के कई तौफे साथ वो लाया था।
- निशांक मोदी
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