Saturday, August 18, 2018

ना कुछ तू ले गया ना कुछ में ले गया

ना वो खुशी ले गया, ना वो गम ले गया,
ना वो ज्यादा ले गया, ना वो कम ले गया,

जो पाया यही पाया जो खोया यही खोया,
ना वो संबंध ले गया, ना वो धरम ले गया,

एक हाथ से कमाया पूण्य, दूसरे से पाप,
ना वो डर ले गया, ना वो करम ले गया,

कमाई दौलत और शोहरत किसके लिए,
ना वो खिलौना ले गया, ना वो कफ़न ले गया,

खूबसूरती ढल गई, आत्मविश्वास थम गया,
ना वो साँसे ले गया, ना वो बढ़ते कदम ले गया,

कैसे मान ले हम की है सबकुछ अपना यहाँ,
ना वो खुद को ले गया, ना वो भरम ले गया,

ना वो खुशी ले गया, ना वो गम ले गया,
ना वो ज्यादा ले गया, ना वो कम ले गया।
- निशांक मोदी

RIP Atal Bihari Vajpayee

वो एक सवेरा लेके आये थे,
वो एक उजाला लेके आये थे,

आगे बढ़ाया देश खुद के दम पर,
ना रुके ना थके चलते रहे सँभलकर,
मुश्किल है दिल जीतना विपक्ष का,
मुँहतोड़ दिया जवाब कारगिल में लड़कर,

वो एक चुनौती लेके आये थे,
वो एक बहती धारा लेके आये थे,

आसान नही इतना, भारत रत्न पाना,
मुसीबतो से भरे देश का फर्ज निभाना,
तकलीफ में हो जब खुद के पैर यहाँ,
मजबूत कर कंधे देश को ऊंचा उठाना,

वो एक ख्वाब लेके आये थे,
वो एक सुलगती ज्वाला लेके आये थे,

खो सी गई थी मेरे देश की पहचान,
संसद हमले में जो आ बनी थी जान,
हराया अमरीका को पोखरण में बम्ब से,
दिलाया याद, है एक देश 'हिंदुस्तान',

वो एक कविता लेके आये थे,
वो एक देश दुबारा लेके आये थे।

- निशांक मोदी