ना वो खुशी ले गया, ना वो गम ले गया,
ना वो ज्यादा ले गया, ना वो कम ले गया,
जो पाया यही पाया जो खोया यही खोया,
ना वो संबंध ले गया, ना वो धरम ले गया,
एक हाथ से कमाया पूण्य, दूसरे से पाप,
ना वो डर ले गया, ना वो करम ले गया,
कमाई दौलत और शोहरत किसके लिए,
ना वो खिलौना ले गया, ना वो कफ़न ले गया,
खूबसूरती ढल गई, आत्मविश्वास थम गया,
ना वो साँसे ले गया, ना वो बढ़ते कदम ले गया,
कैसे मान ले हम की है सबकुछ अपना यहाँ,
ना वो खुद को ले गया, ना वो भरम ले गया,
ना वो खुशी ले गया, ना वो गम ले गया,
ना वो ज्यादा ले गया, ना वो कम ले गया।
- निशांक मोदी
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