Monday, January 25, 2021

Indian Cricket Test Victory at Gabba

कोई चोटिल होकर भी खड़ा रहा,
नींव का पत्थर जो वहाँ लगाना था,

लकीर तो मिटा दी पर सोचा नही,
पैरो के निशान जहाँ आशियाना था,

कब तक इतिहास दोहराया जाता,
नए साल का नया इतिहास बनाना था,

कई दिनों से जो क्वारंटाइन हो गया,
वो तिरंगा दूसरे वतन में जो लहराना था,

रक्त बहे जो जरूरी नही की लाल हो,
एक धरती को नीले खून से सजाना था।

✍️निशांक मोदी