Monday, November 11, 2019

में एक कहानी मे हु

में एक कहानी मे हूं, तू खुद एक कहानी है,
जहाँ का में राजा हूँ, वहीँ की तू रानी है,

फूल हो तो मुरझाया भी सिख लेना कभी,
यहाँ हर भँवरे के पास छलकती जवानी है,

ये ताजमहल नही जानता खुद की खूबसूरती,
कभी आना तुम्हारी तारीफें तुमको सुनानी है,

चाँद मिला था रास्ते मे, जेब मे रख कहा मैंने,
चल उसके घर पे तुजे तेरी औकात दिखानी है,

तेरी याद में कब तक रखूँगा मैं रोज़ा हररोज,
बेधड़क आजा मुजे तेरे संग दिवाली मनानी है,

बात हो गई मेरी राम से, खुदा ने भी हां कहा,
मस्जिद में तेरी एक बेजोड़ मूरत सजानी है,

लोग कहेंगे मुजे पागल और शायद तुजे भी,
छोड़ उन्हें...ये दुनिया कौन सी यहां सयानी है,

जंग के उसूल बदल गए तेरे इश्क़ के साथ,
कटार सी चलती दिल की धड़कने खानदानी है,

में एक कहानी मे हूं, तू खुद एक कहानी है,
जहाँ का में राजा हूँ, वहीँ की तू रानी है।
- निशांक मोदी

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