Saturday, April 25, 2020

Hope

#HOPE🦋 #जय_हिन्द #only_essential_service #stay_home

बड़ी उम्मीदो के बाद एक खुशनुमा जहान खुला है,
तू जरा सी उठा नजर, देख नया आसमान खुला है,

डोलने लगी थी जो पानी मे फंसी जिंदगी की नाव,
संभल गई बात सुनकर की किनारे पे रेगिस्तान खुला है,

हा, मुजे भी गम है की कई फूल मुरझा गए बसंत में,
फिर से बन तू बागबान, सामने तेरे फूलो का मैदान खुला है,

रात गहरी थी, पसीने से तरबतर गभराया था इंसान,
अब पहूंचेगी सर्द हवा या तपती धूप आज हर मकान खुला है,

वक्त बुरा था मायूसी भरा, पोछ आंसू, फिर उठ, फिर बढ़,
तू निकल घर से बाहर, बड़े दिनों बाद एक हिंदुस्तान खुला है,

बड़ी उम्मीदो के बाद एक खुशनुमा जहान खुला है,
तू जरा सी उठा नजर, देख नया आसमान खुला है।

- निशांक मोदी 'स्पर्श:'

No comments:

Post a Comment